Friday 26 May 2017

दामिनी

बहने दो मुझे लहू की तरह
पिघलने दो मुझे चट्टान की तरह
मुझ में धरा की धार है
मुझ में चट्टान सा साहस है
दो आँखे और ज़िस्म से ऊपर हूँ
निःवस्त्र कर दो फिर भी औरत हूँ
कंदराओं में मुझे रहने दो
जटाओं सा मुझे बनने दो
आलौकिक प्रकाश से भर दूंगी
जब जब इस धरा पर जन्म लुंगी
जननी हूँ, अंबर से विशाल हूँ
तेरे भाल का चमकता काल हूँ
तोड़ दो मुझे कई टुकड़ो में
हर टुकड़े में जीवन भर दूंगी
सृजन कर पूरी सृष्टि रच दूंगी
क्या हुआ जो घिर गई हूँ मैं
कुछ पापी आताताइयों से
मुझको अपनी ताकत को परखने दो
दो स्तनों और योनि से नहीं हूँ, मै बंधी
मुझ में है दिव्य तीनो सृष्टि
अंबर पाताल धरा हूँ मैं
हिमालय की अप्सरा हूँ मैं
मेरे दिव्य रूप को सजने दो
मेरे अवचेतन को गढ़ने दो
विशाल भुजाओं से मुझको
संसार का आलिंगन करने दो
हरियाली का चुम्बन लेने दो
हुँ औरत, औरत ही रहने दो....... Geetanjali

#सिपाही

जवानों के घर में भी, कभी झाँका है
देखा है कभी, क्या वहाँ फांका है
बाते बड़ी बड़ी कहा चूल्हे में जलती है
माँ की छाती बेटे के लिए तरसती है
सीमा पर खड़ा सिपाही सबका बेटा है
क्या कभी तुमने,
उसकी विधवा की आँखों में देखा है
फीता काटता नेता/नायक तुम ने चुना है
क्या बॉडर पर बहाया, उसने खून पसीना है?
सिपाही कभी नहीं बॉडर पर सोता है
तब कही जा कर तुम्हारा सीना चौड़ा होता है
कोई सरकार ने परिवार उसका गोद उठाया है?
विदेशों में केवल लुटती माया है
उस दर्द को पी कर देखो तुम भी
छाती में खंज़र खा के देखो तुम भी
सिपाहियों को दिल में बैठाना जरुरी है
उनके अनाथ बच्चो को अपनाना ज़रूरी है
मत भूलो कि...... ये फ़ौज की ही ताकत है
कि तुम्हारे घरों से मौत की अभी दुरी है..........

#Geetanjali
26/5/2017


हृदय विदारक चित्कार
आज चीर देंगी आसमान
ऐ धरा तू फट जा , नीर बहा
आँसुओ में बहती माँ की लाज बचा
मेरी कोख़ को आज तू दे दे जीवनदान
दो बूंद है मेरी जरुरत, कैसे दे दूँ
इतनी बड़ी कीमत
भटक गई हूं इस मरू में
बिखर रही है सारी आशा
बेरहम मर्दो की दुनिया में
टूट रही है मेरी काया
शतरंज पर बिछी है
बाजारों में बिक रही है
घर की लाज बेचारी
सांसे टूट रही है
आस है अब बाकि
कोई चमत्कार हो
गूंजा से मेरी कोख़ की
किलकारी
सांसो पर ममता है भारी......... Geetanjali

तू चंड है........
तू प्रचंड है......
तू है वेग धारिणी....
तू है धरा विशाल......
गगन से ऊँचा है तेरा भाल
डगमग धरती डोले
जब तू अपना रूप खोले
तू दामिनी
तू गजगामिनी
तू सृष्टि की रचनाकार
पग पग तेरे संघर्ष हजार
आँगन से अंतरिक्ष तक तू है छाई
तू कोमल तुझमे श्रद्धा है अपार
जब जब मानवता ने नारी को मसला
रणचंडी बन तूने शीश उसका कुचला
पौरुष के दंभ में मत कर तू उसका अपमान
नहीं तो.... मिटा दिए जाएंगे तेरे निशान
इतिहास के पन्ने देते है यही गवाही
मर्यादा और धर्म की रक्षा के लिए 
हमेशा से तू शस्त्र उठती आई
साहस की है तू मिसाल
इतिहास को तू है रचती
वर्तमान की तू है साक्षी
भविष्य की है तू पहरेदार
रौंधी कुचली मसली जाती
तेरी जात को गाली दी जाती
फिर भी तू हमेशा 
मानवता को समर्पित मानी जाती
ऐसा है तेरा रूप विशाल 
तेरा आस्तित्व है विकराल
तू पोषक है मानव की
गर्भ में रखती सारा संसार........ Geetanjali

औरत: हवस

औरत: हवस: Wednesday 1 march 2017 #हवस हवस के है कई चेहरे घूमते है चेहरा बदल बदल के कभी गलियों में कभी महफ़िलों में करते मासूमो का शिकार फिर महफ़ि...

औरत: काश

औरत: काश: ***#काश#*** कही से पा जाऊ संजय की आँखे, तो रोक लू मै हर बहते आँसू को, पलट दू राह आत्महत्या के लिए जाते राही की। दे दू निवाला एक छोट...

औरत: #दर्द��तेरे आस्तित्व को मिटाने के बाददर्द की इं...

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तेरे आस्तित्व को मिटाने के बाद
दर्द की इं...

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तेरे आस्तित्व को मिटाने के बाद
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Sunday 21 May 2017

औरत

#जात

एक औरत सिर्फ़ एक औरत होती है
ना वो हिन्दू होती है, ना वो मुस्लिम होती है
ना वो सिख होती है, ना वो ईसाई होती है
जब वो चोट खाती है अपनी छाती पर
तब वो चोट जात पर नहीं, औरत की छाती पर लगती है
होता है दर्द एक सा, सभी औरतों का
सिसकती है सभी एक ही तरह
उसमे कोई रंग नहीं होता सियासत का
बच्चा जनने वाली एक औरत ही होती है
जो बनती है औरत से माँ
गुज़रते दर्द को सह कर एक इंसान का बच्चा जनती है
निःशब्द देखती रहती है तब भी
जब बच्चा रंग दिया जाता है
मज़हब और सियासत के रंग में
उसकी कोई जात नहीं होती
उसे बाँट दिया जाता है कई टुकड़ो में,
वो बंटती चली आ रही है सदियों से
और बंटती चली जायेगी अनंत तक
कभी हिन्दू बन कर, कभी मुस्लिम बन कर,
कभी सिख बन कर, तो कभी ईसाई बन कर
सिर मुंडवाने, दूजे घर बैठाने, चिता में जलाने,
तीन तलाकों से जो गुजरती है
वो भी औरत ही होती है
कोठो पर जो बिकती है वो भी औरत ही होती है
बलात्कार का दंश जो सहती है वो औरत ही होती है
इस रंग बदलती दुनिया में,
एक औरत सहती है, मरती है, रहती है,
बनती है और बिगड़ती है
जब एक मर्द अत्याचारी होता है
तो वो मात्रा अत्याचार का चेहरा होता है
ना वो हिन्दू होता है, ना वो मुस्लिम होता है
ना वो सिख होता है, ना वो ईसाई होता है
तब एक मर्द केवल एक मर्द होता है.........
और एक औरत केवल एक औरत होती है.............

#Geetanjali
21/5/2017