तू चंड है........
तू प्रचंड है......
तू है वेग धारिणी....
तू है धरा विशाल......
गगन से ऊँचा है तेरा भाल
डगमग धरती डोले
जब तू अपना रूप खोले
तू दामिनी
तू गजगामिनी
तू सृष्टि की रचनाकार
पग पग तेरे संघर्ष हजार
आँगन से अंतरिक्ष तक तू है छाई
तू कोमल तुझमे श्रद्धा है अपार
जब जब मानवता ने नारी को मसला
रणचंडी बन तूने शीश उसका कुचला
पौरुष के दंभ में मत कर तू स्त्री का अपमान
नहीं तो.... मिटा दिए जाएंगे तेरे निशान
इतिहास के पन्ने देते है यही गवाही
मर्यादा और धर्म की रक्षा के लिए
हमेशा से तू शस्त्र उठती आई
साहस की है तू मिसाल
इतिहास को तू है रचती
वर्तमान की तू है साक्षी
भविष्य की है तू पहरेदार
रौंधी कुचली मसली जाती
तेरी जात को गाली दी जाती
फिर भी तू हमेशा
मानवता को समर्पित मानी जाती
ऐसा है तेरा रूप विशाल
तेरा आस्तित्व है विकराल
तू पोषक है मानव की
गर्भ में रखती सारा संसार........
#Geetanjali
7/7/2017
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