Friday, 26 May 2017

औरत: काश

औरत: काश: ***#काश#*** कही से पा जाऊ संजय की आँखे, तो रोक लू मै हर बहते आँसू को, पलट दू राह आत्महत्या के लिए जाते राही की। दे दू निवाला एक छोट...

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